अतः विनिमय संतुलन या स्थिरता का अर्थ न केवलविनिमय दर के स्थिर रहने से होता है बल्कि उसके साथ साथ विनिमय की मांगऔर पूर्ति के बीच संतुलन से भी होता है.
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इस प्रकार मौद्रिक एवं साख नियंत्रण तथाविनिमय के अब प्रमुख उद्देश्य ये हैंः (इ) देश के आर्थिक विकास कोप्रेरित करना और उसमें सहायक होना, (इइ) आंतरिक मौद्रिक स्थिरता बनाएरखना, (इइइ) विनिमय संतुलन बनाए रखना.